मेरे वक़्त ने तेरे वक़्त से की हमजोली है…!
मेरे दिल की धड़कन से तेरे दिल की धड़कन बोली है….
मेरे दिल के पन्नो पर लिखगये प्रेमपुराण हो तुम
कितने अंतस तक बैठ गयी
जाने कैसी श्याही उड़ेली है…
ना देने की बात नही
एक तू ही तो हक़दार मेरा
तुझको पाऊँ हर जन्म
ये अर्जी मैंने दे दी है…!
मेरे इस मन का कान्हा तू
मैं तेरे मन की राधा हूँ
मेरी सोच सोच में तू शामिल
ये राज़ की बात आज खोली है…!!
मेरा रूप सलोना है तुझसे
हर श्रृंगार तुझी से करती हूँ
मेरे माथे की बिंदिया भी संग
गालों की लाली बोली है.!!!
*मेधा शर्मा*