बादाम तेल के फायदे

बादाम तेल के फायदे

बादाम तेल के इस्तेमाल के कई लाभ हैं।

बादाम तेल का इस्तेमाल आप सेहत के लिए भी कर सकती हैं और खूबसूरती के लिए भी। बादाम की तरह इसका तेल भी पोषक तत्व और खनिजों से युक्त होता है। बादाम तेल का सेवन एक ओर जहां दिल की सेहत के लिए अच्छा है वहीं यह दिमागी सेहत के लिए भी फायदेमंद माना गया है। बादाम शरीर रोग प्रतिरोधी प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है।

बादाम तेल के फायदे निम्नलिखित हैं :

बालों को बनाएं मजबूत

बादाम के तेल में वे पोषक तत्व होते हैं जो बालों के लिए लाभकारी हैं | बादाम तेल के नियमित इस्तेमाल से बाल मजबूत और चमकदार बन सकते हैं | अगर आपको लंबे बाल पसंद है तो इसे लगाने से आपके बालों को मजबूती मिलेगी | यह स्कैल्प से जुड़ी समस्याओं में भी फायदेमंद हो सकता है | अगर आप बाल गिरने की समस्या से परेशान हैं तो इसमें भी बादाम का तेल आपकी मदद करेगा | यह बालों का पोषण भी करता है। (more…)


वायु प्रदूषण अधिक ज़हरीला: 6 प्रदूषकों की अधिकतम सीमा घटी वरना जानलेवा ख़तरा

वायु प्रदूषण अधिक ज़हरीला: 6 प्रदूषकों की अधिकतम सीमा घटी वरना जानलेवा ख़तरा

वायु प्रदूषण फैला रहे सबसे घातक प्रदूषकों में से 6 की अधिकतम मात्रा जो 2005 से हम मानते आ रहे थे, वह ख़तरनाक स्तर से ज़्यादा थी – मायने कि वह मात्रा सही नहीं थी क्योंकि उस स्तर में भी यह प्रदूषक घातक निकले। इसीलिए वैज्ञानिक शोध-प्रमाण को देखते हुए, इन प्रदूषकों की अधिकतम-मात्रा-मानक, वैश्विक स्तर पर कम करे गए हैं जिससे कि सरकारें यह सुनिश्चित करें कि वायु स्वच्छ रहे और अनावश्यक रोग और असामयिक मृत्यु का कारण न बने.

सितम्बर 2021 में, वायु प्रदूषण मानकों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नवीनतम मार्गनिर्देशिका जारी की है (WHO Air Quality Guidelines 2021) जिसके अनुसार, 6 घातक प्रदूषक की अधिकतम मात्रा कम करी गयी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 16 साल पहले 2005 में ऐसे मानक जारी किये थे पर इन बीते सालों में वैज्ञानिक शोध, प्रमाण और तथ्यों के अध्ययन में यह पाया गया कि जो अधिकतम सीमा 2005 में तय करी गयी थी वह पर्याप्त नहीं है, उस मात्रा में भी अनावश्यक घातक रोग और असामयिक मृत्यु हो सकती है, और स्वच्छ वायु के लिए ज़रूरी है कि प्रदूषक की मात्रा अधिक कम करी जाए.

यह 6 जानलेवा प्रदूषक हैं कणिका तत्व (पार्टिकुलेट मेटर) 2.5, कणिका तत्व 10, ओज़ोन, सल्फर-डाई-ऑक्साइड, नाइट्रोजन-डाई-ऑक्साइड, और कार्बन मोनो-ऑक्साइड. (more…)


कोरोना : लापरवाही न करें

कोरोना : लापरवाही न करें
बुखार का पहला दिन: ये बुखार है, ठीक हो जायेगा, मुझे कोविड तो हो ही नहीं सकता, क्योंकि यह बीमारी ही नहीं होती है।
बुखार का दूसरा दिन: हर बुखार कोविड थोड़े होता है, लेकिन फिर भी पैरासिटामोल खा लेता हूँ।
बुखार का तीसरा दिन: RT-PCR टेस्ट करवा के क्या होगा, सीधे CT Scan करवा लेता हूँ। (सिर्फ 2-3 दिन में CT स्कैन में कुछ खास नहीं आयेगा, तो कोविड इडियट कहेगा कि कोरोना नहीं है)
बुखार का चौथा दिन: ये बुखार तो पीछे ही पड़ गया, चलो ब्लड टेस्ट करवा लेते हैं। डॉक्टर को पैसे क्यों देना है, वो भी तो यही सब टेस्ट करवायेगा। (टेस्ट में टाईफाइड फाल्स पॉजिटिव आयेगा, क्योंकि वह क्रॉस-रिएक्टिव है)
बुखार का पांचवा दिन: मैंने पहले ही कहा था कि यह टाईफाइड है, अब डॉक्टर को ₹300 क्या देना है, कुछ एंटीबायोटिक खरीद के खा लेते हैं।
बुखार का छठा दिन: अभी, कल ही तो एंटीबायोटिक शुरू किया है, थोड़ा समय तो लगेगा।
बुखार का सातवां दिन: ये बुखार तो पिछे ही पड़ गया। एक फ्रेंड डॉक्टर है, उस से पूछते हैं। कुछ देर बाद… ये डॉक्टर सब का लैब में कमीशन होता है, देखो PCR Test के लिए बोल रहा है। उसके रिपोर्ट में भी 1-2 दिन लगेगा।
बुखार का आठवां दिन: अरे, मुझे सांस लेने में दिक्कत क्यों हो रही है? कोई अस्पताल ले चलो। (लेकिन कोविड रिपोर्ट नहीं है).
बुखार का नौवां दिन: ऑक्सीजन लेवल 90% से निचे जा रहा है, लेकिन कहीं बेड नहीं मिल रहा है। ये सरकार एकदम बेकार है।
बुखार का दसवां दिन: ऑक्सीजन लेवल 80% से निचे है, बहुत मुश्किल से एक बेड मिला है। लेकिन राहत नहीं है, ये अस्पताल एकदम बेकार है।
बुखार का ग्यारहवां दिन: वेंटिलेटर पर गये, अब परिवार वाले डॉक्टरों को दोष दे रहे हैं।
बुखार का बारहवां दिन: संक्रमण इतना बढ़ गया कि मरीज की मौत हो चुकी है, बाकी के लोग डॉक्टरों से लड़ रहे हैं।आप लोगों को कुछ नहीं आता, दो हफ्ते पहले स्वस्थ आदमी का जान ले लिया। (अस्पतालों की स्थिति भी अच्छी नहीं है, बेड की लिए इतनी मारामारी है कि वहाँ भी लापरवाही हो रही हैं)
इसी बीच, कुछ और लोग, इसी तरह की गलती करने में लगे हुये हैं।
कृप्या अपनी तरफ से लापरवाही न करें।
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कोविड 19 की वैश्विक माहमारी में पाचन तंत्र ख़राब होने का सरल आयुर्वेदिक उपचार – डॉ हेमांग राय

हमारे शरीर का पाचन तंत्र ही खाए गए भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करता है। पाचन क्रिया खराब होने पर भोजन पूरी तरह से पचता नहीं है, जिसके कारण शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता। आयुर्वेद की मानें तो पेट की अपच सभी तरह की बीमारियों को निमंत्रण देती है और शरीर में बहुत सी समस्याओं का कारण भी बनती है। जाहिर है कि आज की आधुनिक जीवनशैली में पाचन क्रिया प्रभावित होना आम समस्या बन गई है, जिसका नतीजा स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के रूप में हमारे सामने आता है।

पाचन तंत्र ख़राब होने के लक्षण –

  • बदहजमी का होना.
  • कब्ज की शिकायत होना.
  • अपच (Indigestion)
  • एसिडिटी (Acidity)
  • पेट से जुड़ी समस्याये.
  • सीने में जलन का होना
  • इरिटेबल बाउल सिंड्रोम
  • डायरिया का हो जाना

 

पाचन तंत्र ख़राब होने के कारण –

  • एक ही जगह घंटो तक बैठ कर काम करना
  • फास्ट फूड या जंक फूड खा लेना
  • दिनचर्या का सही न होना.
  • पूरी नींद नहीं ले पाना.
  • काम या किसी बात को लेकर तनाव का होना.
  • शारीरिक श्रम कम करना.
  • खाने-पीने में कमी करना.
  • बहुत कम मात्रा में पानी पीना.
  • तम्बाकू उत्पाद (शराब और सिगरेट ) का अधिक सेवन करना.
  • अधिक मात्रा में भोजन लेना.
  • अनियमित भोजन करना.
  • देर रात तक जगे रहना.

 

पाचन तंत्र को जल्दी ठीक करने के सामान्य उपाय –

  1. अधिक मात्रा में पानी पीये।
  2. अपनी दिनचर्या सही रखे।
  3. रात को जल्दी सो जाए।
  4. गहरी और अच्छी नींद ले।
  5. तनाव को करे दूर।
  6. फास्ट फ़ूड को कहे अलविदा।
  7. शारारिक कार्य जरुर करे।
  8. सही समय पर रोजाना भोजन करे।
  9. खाने – पीने में कमी न करे।
  10. शराब और सिगरेट से दूर रहे।
  11. अधिक खाना खाने से बचे।
  12. हमेशा बैठे – बैठे काम न करे।
  13. ऑयली खाने से परहेज करे।
  14. वसायुक्त भोजन लेने से बचे।
  15. रोजाना व्यायाम करे।

 

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डेंगू के लक्षण और बचाव

डेंगू के लक्षण और बचाव

डेंगू एक वायरल बुखार है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है और यह बुखार किसी को भी हो सकता है|

डेंगू का मच्छर गंदे पानी की बजाय साफ पानी में ही पनपता है| इसलिए घर के अंदर या घर के आसपास पानी ना जमा होने दें| बरसात में गमलों, कूलरों, टायर आदि में एकत्रित हुए पानी में यह मच्छर ज्यादा पाया जाता है| इसलिए ऐसे चीजों की 2-3 दिन में सफाई जरूर करें और पानी को बदलते रहे|

डेंगू के लक्षण मच्छर के काटने के 4-7 दिन बाद नज़र आते हैं।

डॉ हेमांग राय (MD C.C.H. ) के अनुसार – “डेंगू बुखार होने पर रोगी एवं उसके परिवार के सदस्यों को घबराना नहीं चाहिए। अच्छे डॉक्टर से परामर्श ले और उनके सुझाव अनुसार रोगी की देखभाल करें, झोला छाप डॉक्टरों के इलाजों से बचे”

डेंगू के लक्षण :

1. तेज़ बुखार: डेंगू का प्रमुख लक्षण तेज़ बुखार है। डेंगू में 102-103º F तक बुखार आना आम बात है।
२. बदन दर्द : डेंगू में सिर, हाथ-पैर और बदन में बहुत तेज दर्द होता है| डेंगू में ज़्यादातर जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द होता है।
3. डेंगू में जी मिचलाना भी एक लक्षण है। डेंगू होने पर आपको घबराहट महसूस होती है।
4. शरीर पर चकत्ते या रैशेस: डेंगू में शरीर पर छोटे-छोटे लाल चकत्ते या रैशेस हो जाते है। इन चकत्ते या रैशेस में कभी-कभी खुजली भी होती है।
5. भूख न लगना : डेंगू में मरीज को भूख बहुत कम लगती है |
६. डेंगू में मरीज को कभी-कभी उल्टी और दस्त भी होता है |

डेंगू का उपचार (Treatment of Dengue)

डॉ हेमांग राय (MD C.C.H. ) के अनुसार – “डेंगू का उपचार, डेंगू के लक्षण और उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है”

डेंगू के टेस्ट से बीमारी की गंभीरता का पता चलता है। डेंगू के टेस्ट में आपके रक्त की जाँच होती है, जिससे Platelet Count, हीमोग्लोबिन Count और दूसरे मापदंडों का पता चलता है।

“टेस्ट के मुताबिक और डॉक्टर के सुझाव अनुसार डेंगू का उपचार घर पर या हॉस्पिटल में दोनों जगहों पर हो सकता है।”

ज़्यादातर लोग घर पर ही सही आराम, अधिक से अधिक जल सेवन, गिलोय का सेवन, नारियल पानी का सेवन, पपीते के पत्ते के रस का सेवन से और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं से ही ठीक हो जाते हैं।

डेंगू अपने आप ठीक होने वाली बीमारी है जो 7 से 10 दिन में ठीक हो जाती है। लेकिन बिना परहेज और दवा के ठीक नहीं होती है| इसलिए बरसात के बाद तेज बुखार आने पर डॉक्टर के जरूर सम्पर्क करें| डेंगू के लक्षण, तेज बुखार आने के 2-3 दिन में पता चल जाता है|

डेंगू के सुझाव और परामर्श के लिए Dr. Hemang Rai (MD) C.C.H. Mobile : +91 999 081 4908, +91 958 233 7766 से संपर्क करें

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किसी भी प्रकार के शारीरिक समस्या के परामर्श और निदान के लिए संपर्क करें, जैसे – सेक्स समस्या, बालों का झंडना, सर दर्द, सर्दी जुकाम, नजला, पेट रोग, मधुमेह (शुगर), ब्लड प्रेशर समस्या, मासिक धर्म सम्बन्धी परेशानी,डेंगू का उपचार आदि

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Dengue symptoms and home remedies

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माइग्रेन का घरेलू उपचार

तुलसी के पत्तों को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को एक – चौथाई चम्मच की मात्रा में थोड़े से शहद के साथ सुबह – शाम सेवन करने से माइग्रेन में लाभ होता है

Dry basil leaves in the shade and make the powder. Taking one-fourth teaspoon of this powder with a little honey in the morning and evening is beneficial in migraine.

 

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माइग्रेन का घरेलू उपचार

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कपालभाती प्राणायाम(Kapalbhati Pranayama)

कपालभाती प्राणायाम(Kapalbhati Pranayama)

विधि :-  सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर साँसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें। साँसों को बाहर छोड़ने या फेंकते समय पेट को अंदर की ओर धक्का देना है। ध्यान रखें कि श्वास लेना नहीं है क्योंकि उक्त क्रिया में श्वास स्वत: ही अंदर चली जाती है।

लाभ : –  यह प्राणायाम आपके चेहरे की झुर्रियाँ और आँखों के नीचे का कालापन हटाकर चेहरे की चमक बढ़ाता है। 

      • दाँतों और बालों के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। 
      • शरीर की चरबी कम होती है। कब्ज, गैस, एसिडिटी की समस्या में लाभदायक है।
      • शरीर और मन के सभी प्रकार के नकारात्मक तत्व और विचार मिट जाते हैं।
      • थायराइड को कम करता है।
      • पेट का मोटापा कम करता है।
      • कब्ज खत्म करने में मदद करता है। । पाचन तंत्र को बढ़ाता है।
      • स्किन एलर्जी और संक्रमण का इलाज करता है।

कपालभाती प्राणायाम(Kapalbhati Pranayama)


दस्त(Loose Motion) की समस्या

दस्त(Loose Motion) की समस्या

1- खाना खाने के बाद एक कप लस्सी में एक चुटकी भुना ज़ीरा और काला नमक ड़ाल कर पीएं। दस्त में आराम आयेगा।
2- अदरक का रस नाभि के आस-पास लगाने से दस्त में आराम मिलता है।
3- मिश्री और अमरूद खाने से भी आराम मिलता है।
4- कच्चा पपीता उबाल कर खाने से दस्त में आराम मिलता है।

दस्त(Loose Motion) की समस्या

 


शुगर का इलाज

शुगर‌ ‌का‌ ‌इलाज‌

1-लहसुन छिला हुआ 25 gm

2-अदरक (ताज़ा) 50 gm

3-पुदीना fresh 50 gm

4-अनारदाना खट्टा 50 gm

इन चारों चीज़ों को पीस कर चटनी बना लें। और सुबह, दोपहर और शाम को एक-एक चम्मच खा लें। पुरानी से पुरानी शुगर, यहाँ तक कि शुगर की वजह से जिस मरीज़ के जिस्म के किसी हिस्से को काटने की सलाह भी दी गयी हो तब भी ये चटनी बहुत फायदेमंद इलाज है।

 

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ठंडा पानी पीने से शरीर को कौन-कौन से नुकसान होते हैं

ठंडा पानी पीने से शरीर को कौन-कौन से नुकसान होते हैं
  1. आपका शरीर खाना पचाने और पोषण को अवशोषित करने की बजाए अपनी उर्जा को शरीर का तापमान बैलेंस करने में लगा देता है। इससे वॉटर लॉस होता है। प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।
  2. भोजन के तुंरत बाद ठंडा पानी पी लेने से शरीर में अधिक बलगम जम जाता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली का कार्य धीमा पड़ जाता है और आसानी से सर्दी और बीमारियां पकड़ने लगती हैं। 
  3. जिस प्रकार से मिठाई को फ्रिज में रखने से वह जम जाती है उसी तरह से ठंडा पानी मल को जमा देता है जो पाइल्स या बड़ी आंत से सम्बन्धित रोगों का सबसे बड़ा कारण है। इससे मल कठोर हो जाता है।
  4. खाने के दौरान अगर आप ठंडा पानी या कोई अन्‍य पेय पीते हैं तो, वह खाने में मौजूद वसा को पेट के अंदर जमा देता है, जिससे शरीर को उसे पचाने में दोगुनी महनत करनी पड़ती है।
  5. कई लोग बोलते हैं कि ठंडा पानी पीने से शरीर की कैलोरीज़ ज्‍यादा बर्न होती हैं।
  6. कमरे के तापमान पर रखा पानी शरीर को तर रखता है। इससे खाना जल्‍दी पचता है, पेट अच्‍छी तरह से साफ हेाता है। यह खून को साफ करता है।

 

What are the disadvantages of the body by drinking cold water?

  1. Instead of digesting food and absorbing nutrition, your body invests its energy in balancing the body temperature. This causes water loss. The immune system is weak.
  2. Drinking cold water immediately after meals causes more mucus in the body, which slows down the immune system and easily catches cold and diseases.
  3. In the same way, freezing the sweets in the refrigerator, freezes it in the same way that cold water freezes the feces, which is the biggest cause of diseases related to piles or large intestine. This makes the stool hard.
  4. If you drink cold water or any other drink while eating, it stores the fat present in the food inside the stomach, due to which the body has to take double time to digest it.
  5. Many people say that by drinking cold water the calories of the body burn more.
  6. Water kept at room temperature keeps the body moist. It digests food quickly, cleans the stomach properly. It cleanses the blood.

 

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ठंडा पानी पीने के नुकसान

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