समस्या के कारण जानने से मिलता है समाधान : महात्मा बुद्ध

एक दिन महात्मा बुद्ध जब प्रवचन हेतु पहुंचे तो उनके हाथ में एक रुमाल था| आसन पर बैठने के बाद उन्होंने रुमाल में थोड़ी-थोड़ी जगह छोड़कर पाँच गांठें लगा दी|
फिर बुद्ध ने शिष्यों से पूछा, ‘क्या यह वही रुमाल है जो गांठें लगने के समय के पहले था?’
एक विद्वान शिष्य ने कहा, ‘रुमाल तो वही है, क्योंकि इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है| दूसरी दृष्टि से देखें तो पहले इसमें पांच गांठें नहीं लगी थी, अतः रुमाल पहले जैसा नहीं रहा| जहां तक इसकी मूल प्रकृति का प्रश्न है, वह नहीं बदला है| इसका केवल बाहरी रूप बदला है, इसका पदार्थ और इसकी मात्रा वही है|’ (more…)