यकीन बन के लोग जिन्दगी में आते हैं,

ख्वाब बन के आँखों में समा जाते हैं|

पहले तो यकीन दिलाते हैं कि वे हमारे हैं,

फिर न जाने क्यों तन्हा छोड़ जाते हैं|