महक ढुंढते है तुम्हारी – Mahak Dhundhate Hai Tumhaaree

महक ढुंढते है तुम्हारी – Mahak Dhundhate Hai Tumhaaree

रात बाहों में भर कर सुबह
सुबह गुम हो जाते हो
आंख खुलते ही फिर तुम कितने याद आते हो
हम बिस्तर में पडी सिलवटों
से लिपट कर महक ढुंढते है तुम्हारी

morning in the arms of the night
get lost in the morning
when open eyes then how much do you remember|
we lay in bed folds Looking for the smell of you


ख्वाब तो वो है,
जिसका हकीकत मे भी दीदार हो,
कोई मिले तो इस कदर मिले,
जिसे मुझ से ही नही मेरी रूह से भी प्यार हो….❤️
हमारे अनकहे रिश्ते का मंज़र भी कमाल है…
ना कोई वादा ना कोई क़रार फिर भी दोस्ती, लाजवाब है…

सनम तेरी नफरत में वो दम नहीं
जो मेरी चाहत को मिटा दे
ये महोब्बत है कोई खेल नहीं
जो आज हंस के खेल और कल रो के भुला दिया

दिल दो किसी एक को वो भी किसी नेक को,
जब तक मिल ना जाए कोई ट्राई करते रहो हर एक को..!!

💕खयालों ने की है तेरी गुजारिश,
इक लम्हे के लिए खयाल बन जाओ,
हर खयाल पे हो बस तेरी ही दस्तक
बेखयाली में भी तुम्ही याद आओ …💕

बिन बुलाए आ जाता है, सवाल नहीं करता
💗
क्यु तेरा ख्याल, मेरा ख्याल नहीं करता..❤️

क्यूं करूँ ज़ुस्तज़ु तुम्हारी…
जब तुम इतने मगूरूर हो !
मैं भी बेमिसाल हूँ खुद में…
मुझे भी मेरी चाहतों का सुरूर हैं !!

दिल की बात 2 – Jyoti Rakesh

  • मुस्कुरा कर मिला करो हमसे,
    कुछ कहा और सुना करो हमसे..

बात करने से बात बढ़ती है,
रोज़ बातें किया करो हमसे..


kya chahe rab se, tumhe pane ke baad,kisaka kare intizaar ,Tere aane ke baad, kyo mohbbat me jaan loota dete hai,Log, Maine bhi ye jana ishq karne ke baad.


karu tera jikar ya ehsaas me rahne du ,Karu tujhe mehsus ya dhadkano m rahne du, Tujhe lfjo m byan karu ,ya ibadat me rahne doo .


Raat gum sum hai magr chand khamosh nahi,

kaise kah de Aapko mujhe hosh nhi,

Aise dube hai Aapki ankho ki gahrayi me hum,

Hath me jam hai, Magr pine ka hosh nahi.


जैसी है तेरी ख्वाइश वैसे प्यार करेंगे,
हर धड़कन पर अपनी वफ़ा का इक़रार करेंगे,
जहाँ भी जाओगे हर कदम हममे ही पाओगे,
इश्क़ के हर मोड़ पर तेरा इंतज़ार करेंगे।


हाथ कि लकीरों पर ऐतबार कर लेना,
भरोसा हो तो किसी से प्यार कर लेना,
खोना पाना तो नसीबों का खेल है,
ख़ुशी मिलेगी बस थोड़ा इंतज़ार कर लेना।



अनमोल शायरी – मई 2021

अनमोल शायरी – मई 2021
बहते पानी की तरह है फितरत-ए-इश्क
रूकता भी नहीं, थकता भी नहीं
थमता भी नहीं, और मिलता भी नहीं

मिले वफा मुहब्बत में अब वो दौर नहीं …😒
अब इश्क एक खेल है और कुछ नहीं 😢

सांसों की माला पिरोकर रखा
हैं तेरी चाहतों के मोती
अब तो तमन्ना यही है की
बिखरू तो सिर्फ तेरे
आगोश में🌷🌷🌷🌷

करूं तेरा ज़िक्र या एहसास में रहने दूं !
करूं तुझे महसूस या धड़कनों में बहने दूं !!
तुझे लफ़्ज़ों में करूं बयां या इबादत में रहने दूं….!!!

तुम मेरी वो मुस्कान हो,…
जो बेवजह मेरे चेहरे पर दिखती है !!

💕मुस्कुराहट इसलिए नहीं कि ख़ुशियाँ ज़िंदगी में ज़्यादा हैं……
मुस्कुराहट इसलिए है कि ज़िन्दगी से न हारने का वादा हैं…!!💕

कुछ चीज़े हम पुरानी छोड़ आए हैं,
आते आते उसकी आँखो मे पानी छोड़ आए हैं,
ये ऐसा दर्द है जो बया हो ही नही सकता…
दिल तो साथ ले आए धड़कन छोड़ आए हैं…
……….lovely……..

हा,तुम चाहिए थे
तुम चाहिए थे मुझे बिन शब्दों के मेरी ख़ामोशी समझ जाने के लिए,
तुम चाहिए थे मुझे, ख्वाबों को हक़ीक़त बनाने लिए,
हाँ तुम चाहिए थे मुझे, मुझमें टूटी बिखरी उम्मीदों को सँवारने के लिए,
तुम चाहिए थे मुझे खुल कर खिलखिलाने के लिए
बस सिर्फ तुम ही चाहिए थे मुझे, एक ग़ज़ल लिखने के लिए,
एक तेरी कमी से सब कुछ अधूरा रह गया
कुछ टूटी बिखरी उम्मीदों का कतरा कतरा बह गया…💓

शोहरत का पैमाना सिर्फ पैसा नहीं होता है,
जो दिल पे राज करे वो भी मशहूर होता हैं !!

हमने इबादत रखा है हमारे रिश्ते का नाम…
मोहब्बत को तो लोगों ने बदनाम कर दिया…!!!❤️

तुम्हारी याद के फूलों को हम कभी मुरझाने नहीं देंगे ,
हमने अपनी आँखें रखी है…उसको पानी देने के लिए.

दिल की धड़कनो में मोहब्बत की तरह समाए हो…!!
जब भी सांस ली हमने तुम बहुत याद आए हो…….❤️

टुकड़ा टुकड़ा नाम-ए-मोहब्बत, कतरा कतरा दर्द-ए-दिल..!
ज़र्रा ज़र्रा धड़कन-ए-व़फा, बूंद बूंद अश्क-ए-निगाहें
यही इश्क है, इश्क है, इश्क है..❣️

बनाकर रख लो मुझे कैदी अपनी चाहत का।
बिछड़कर तुमसे मुझे जीना नहीं आता |

थोड़ा तुम कहना थोड़ा हम कहेंगे,
काश!
यूं बातों बातों में
कोई फसाना बन जाए..!
कभी तुम ख्यालों में आना
कभी हम यादों मे आयेंगे,
काश!
यूं मुलाकातों में
कोई अफ़साना बन जाए…!!🌹💓💓

हमदम तो साथ साथ चलते हैं
रास्ते तो बेवफा बदलते हैं
तेरा चेहरा है जब से आंखों में
मेरी आंखों से लोग जलते हैं


तब पता लगेगा कि क्या होती है तन्हाई

जुदा हो के देखो कि क्या होती है जुदाई,

प्यार करके देखो कि क्या होती है बेवफाई,

कभी अकेले होकर महसूस कीजिये ए चाँद,

तब पता लगेगा कि क्या होती है तन्हाई |


Sad Shayari

वह दिन, दिन नहीं, वह रात, रात नहीं,

वह पल, पल नहीं, जिसमें आपकी याद नहीं,

हमें कोई आपसे जुदा कर सके,

मौत की भी इतनी औकात नहीं|

 

फूल सूख जाते हैं, एक वक्त के बाद,

लोग बदल जाते हैं, एक वक्त के बाद,

अपनी भी दोस्ती टूटेगी, एक वक्त के बाद,

पर वो वक्त होगा, मेरी मौत के बाद |

 

तुम्हारी जुल्फों के साये में ना जाने कब शाम हो गयी,

तुमसे जो जुदा हुए तो ये शाम वीरान हो गयी |

 

अपनी बेबसी पे हम ढेरों आँसूं बहाते हैं,

तेरे साथ गुजारे लम्हें जब याद आते हैं |

 

जब याद तुम्हारी आती है, तब दर्द जिगर में होता है,

जब सारी दुनिया सोती है, तब हर रोज रात को रोता हूँ |


मैं दीवाना तो नहीं…

मैं एक दीवाना तो नहीं, तेरी इन आँखों ने दीवाना बना दिया,

मैं जीता तो नहीं, तेरी इन सांसों ने जीना सिखा दिया|

गम तो इसका भी नहीं कि तू मेरी हो न सकी,

गम तो इस बात का है कि तूने मोहब्बत से भरोसा ही उठा दिया|

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2021 Sad Shayari

मेरा गम तेरी जज्बात से बेहतर होगा,

मेरा दिन तेरी हर रात से बेहतर होगा|

यकीन न आये तो डोली से झांककर देख लेना,

मेरा जनाजा भी तेरी बारात से बेहतर होगा|

 

कभी कभी दिल उदास होता है,

हल्का – सा आँखों में एहसास होता है,

छलकते हैं मेरी आँखों से आँसूं,

जब तुम्हारे दूर होने का एहसास होता है|

 

न तस्वीर है तुम्हारी जो दीदार किया जाये,

न तुम पास हो जो प्यार किया जाये,

यह कौन सा दर्द दिया है आपने,

न कुछ कहा जाये न तुम बिन रहा जाये|

 

तुम्हारी जुदाई सह न सकेंगे,

हाल – ए – दिल कह न सकेंगे,

जानते हैं की यह मिलन नहीं संभव,

लेकिन तेरे बिन रह न सकेंगे|

पलकों से अश्क मेरे रुकते नहीं हैं,

लोग मेरा गम समझते नहीं हैं|

 

उम्र भर साथ तुम्हारा भूल न पाएंगे,

प्यार करेंगे इतना की याद तुम्हें भी आयेंगे,

मरकर छोड़ देता है, जिस्म यह दुनिया,

हम वह आशिक हैं, जो मरकर भी साथ निभाएंगे|

 

चले भी आओ, हम तुम्हीं से प्यार करते हैं,

यह वह गुनाह हैं, जो हम बार बार करते हैं,

जलाकर इस दिल को मोहब्बत में,

तुम्हारे आने का इंतजार करते हैं|


उदासी भरे दिन

कहाँ तक ये मन को अँधेरे छलेंगे
उदासी भरे दिन, कभी तो ढलेंगे
कभी सुख, कभी दुःख, यही ज़िन्दगी है
ये पतझड़ का मौसम, घड़ी दो घड़ी है
नए फूल कल फिर डगर में खिलेंगे
उदासी भरे दिन…
भले तेज़ कितना हवा का हो झोंका
मगर अपने मन में तू रख ये भरोसा
जो बिछड़े सफ़र में तुझे फिर मिलेंगे…