एक मध्यम वर्गीय परिवार के एक लड़के ने 10वीं की परीक्षा मे 90% अंक प्राप्त किए।
पिता ने मार्कशीट देखकर खुशी-खुशी अपनी बीवी से कहा कि, बना लीजिये मीठा दलिया! स्कूल की परीक्षा मे आपके लाडले को 90% अंक मिले हैं।
माँ किचन से दौड़ती हुई आई और खुशी-खुशी बोली – मुझे भी दिखाइए! मुझे भी मेरे लाल का रिजल्ट देखना है जी।
इसी बीच लड़का फटाक से बोला – बाबा! उसे रिजल्ट कहाँ दिखा रहे है, क्या वह पढ़-लिख सकती है? वो तो अनपढ़ है।
अश्रुपूर्ण भरी आँखों को पल्लू से पोंछती हुई माँ दलिया बनाने चली गई।
ये सब पिता ने देखा और कहा – हां बेटा! तूने बिलकुल सही कहा! वो अनपढ़ है! जब हमारी शादी हुई तो तीन महीने के अंदर ही तुम्हारी माँ गर्भवती हो गई। मैंने सोचा शादी के बाद कहीं घूमने नहीं गए, एक दूसरे को ठीक से समझे भी नहीं, चलो इस बार अबॉर्शन करवाकर आगे चांस लेते हैं लेकिन तुम्हारी माँ ने जोर देकर कहा – नहीं! घूमना फिरना और आपस मे समझना! ये सब कुछ बाद में! फिर तेरा जन्म हुआ वो अनपढ़ थी न! जब तू गर्भ में था तो उसे दूध बिलकुल पसंद नहीं था। उसने तुझे स्वस्थ बनाने के लिए प्रतिदिन नौ महीने तक दूध पिया करती थी क्योंकि वो अनपढ़ थी न! तुझे सुबह 7:00 बजे स्कूल जाना रहता था इसलिए सुबह 5:00 बजे उठकर तेरा मनपसंद नाश्ता और डिब्बा बनाती थी क्योंकि वो अनपढ़ थी न! जब तुम रात मे पढ़ते-पढ़ते सो जाते थे तो वह आकर तुम्हारी कॉपी व किताब बस्ते में भरकर तुम्हें बिस्तर पर सुलाती थी। उसके बाद ही सोती थी और रात मे बार-बार जागकर तुम्हे ओढ़नी से ढ़कती थी क्योंकि वो अनपढ़ थी न! बचपन से तुम अधिकतर समय बीमार रहते थे तब वो रात-रात भर जागकर भी सुबह जल्दी उठती थी और काम पर लग जाती थी क्योंकि बेटा वो अनपढ़ थी न! तुम्हारे लिए ब्रांडेड कपड़े लाने के लिए मेरे पीछे पड़ती थी और स्वयं वर्षों तक एक ही साड़ी पर रहती थी क्योंकि वो अनपढ़ थी न!
बेटा! जो आपकी दृष्टि मे पढ़े लिखें लोग है न वो सब पहले अपना स्वार्थ और मतलब देखते हैं लेकिन आपकी माँ ने आज तक कभी नहीं देखा क्योंकि अनपढ़ है न वो! वो खाना बनाकर और हमे परोसकर कभी-कभी स्वयं खाना ही भूल जाती है इसलिए मै गर्व से कहता हूँ तुम्हारी माँ अनपढ़ है!
ये सब सुनकर लड़का रोते-रोते अपनी माँ से लिपटकर बोला – माँ! मुझे तो कागज पर 90% अंक मिले हैं लेकिन आप मेरी जीवन को 100% बनाने वाली पहली शिक्षक हो। माँ! मै आज भी अशिक्षित हूँ और आपके पास पीएचडी के ऊपर भी उच्च डिग्री है क्योंकि आज मैं अपनी माँ के भीतर छुपे हुए डॉक्टर, शिक्षक, वकील ड्रेस डिज़ाइनर, बेस्ट कुक इन सभी के दर्शन कर लिए। माँ! मुझे क्षमा कर दीजिए!
हां! मेरी माँ अनपढ़ है मगर दुनियां की बड़ी से बड़ी डिग्रियाँ भी एक अनपढ़ माँ(Illiterate Mother) के आगे केवल एक रद्दी कागज़ भर है क्योंकि दुनियां का प्रत्येक सफल इंसान एक माँ की देन है।
Copy : Facebook – अनपढ़ माँ(Illiterate Mother)