रस्में उल्फत निभाता कौन है,
दिल से किसी को भुलाता कौन है,
मजबूरियां जुदा कर देती हैं अपनों से,
वरना खुशियों के दामन चुराता कौन है|
रस्में उल्फत निभाता कौन है,
दिल से किसी को भुलाता कौन है,
मजबूरियां जुदा कर देती हैं अपनों से,
वरना खुशियों के दामन चुराता कौन है|