मै लिख दूगां
तुम पढ़ लेना
मै जज्बातों को कह दूंगा
तुम सुन लेना
प्रेम है या नही मत पूछना
मै तुम्हें नही समझा पाऊंगा
दिल की डोर बंधी है तुम से
उसको नही दिखा पाऊंगा
तुम हो या न हो फिर भी
मन मे छवि तुम्हारी बसाऊंगा
कितना प्रेम है इसका
मोल न लगा पाऊंगा
प्रेम क्या है और क्यों है
इसकी परिभाषा न बता पाऊंगा
मै पास तेरे हूँ या नही
बस दिल से याद कर लेना
मै खुद ही एहसास बनकर चला आऊंगा
अपना समझे या नही
#अंजान समझकर ही
चेहरे पर मुस्कान रख लेना
प्रिये बाकी तुम खुद ही समझ लेना…………

#अंजान…….