डेंगू एक वायरल बुखार है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है और यह बुखार किसी को भी हो सकता है|
डेंगू का मच्छर गंदे पानी की बजाय साफ पानी में ही पनपता है| इसलिए घर के अंदर या घर के आसपास पानी ना जमा होने दें| बरसात में गमलों, कूलरों, टायर आदि में एकत्रित हुए पानी में यह मच्छर ज्यादा पाया जाता है| इसलिए ऐसे चीजों की 2-3 दिन में सफाई जरूर करें और पानी को बदलते रहे|
डेंगू के लक्षण मच्छर के काटने के 4-7 दिन बाद नज़र आते हैं।
डॉ हेमांग राय (MD C.C.H. ) के अनुसार – “डेंगू बुखार होने पर रोगी एवं उसके परिवार के सदस्यों को घबराना नहीं चाहिए। अच्छे डॉक्टर से परामर्श ले और उनके सुझाव अनुसार रोगी की देखभाल करें, झोला छाप डॉक्टरों के इलाजों से बचे”
डेंगू के लक्षण :
1. तेज़ बुखार: डेंगू का प्रमुख लक्षण तेज़ बुखार है। डेंगू में 102-103º F तक बुखार आना आम बात है। २. बदन दर्द : डेंगू में सिर, हाथ-पैर और बदन में बहुत तेज दर्द होता है| डेंगू में ज़्यादातर जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द होता है। 3. डेंगू में जी मिचलाना भी एक लक्षण है। डेंगू होने पर आपको घबराहट महसूस होती है। 4. शरीर पर चकत्ते या रैशेस: डेंगू में शरीर पर छोटे-छोटे लाल चकत्ते या रैशेस हो जाते है। इन चकत्ते या रैशेस में कभी-कभी खुजली भी होती है। 5. भूख न लगना : डेंगू में मरीज को भूख बहुत कम लगती है | ६. डेंगू में मरीज को कभी-कभी उल्टी और दस्त भी होता है |
डेंगू का उपचार (Treatment of Dengue)
डॉ हेमांग राय (MD C.C.H. ) के अनुसार – “डेंगू का उपचार, डेंगू के लक्षण और उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है”
डेंगू के टेस्ट से बीमारी की गंभीरता का पता चलता है। डेंगू के टेस्ट में आपके रक्त की जाँच होती है, जिससे Platelet Count, हीमोग्लोबिन Count और दूसरे मापदंडों का पता चलता है।
“टेस्ट के मुताबिक और डॉक्टर के सुझाव अनुसार डेंगू का उपचार घर पर या हॉस्पिटल में दोनों जगहों पर हो सकता है।”
ज़्यादातर लोग घर पर ही सही आराम, अधिक से अधिक जल सेवन, गिलोय का सेवन, नारियल पानी का सेवन, पपीते के पत्ते के रस का सेवन से और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं से ही ठीक हो जाते हैं।
डेंगू अपने आप ठीक होने वाली बीमारी है जो 7 से 10 दिन में ठीक हो जाती है। लेकिन बिना परहेज और दवा के ठीक नहीं होती है| इसलिए बरसात के बाद तेज बुखार आने पर डॉक्टर के जरूर सम्पर्क करें| डेंगू के लक्षण, तेज बुखार आने के 2-3 दिन में पता चल जाता है|
Contact for consultation and diagnosis of any type of physical problem, such as – sex problem, hair loss, headache, cold, stomach, stomach disease, diabetes (sugar), blood pressure problem, period problem etc.
किसी भी प्रकार के शारीरिक समस्या के परामर्श और निदान के लिए संपर्क करें, जैसे – सेक्स समस्या, बालों का झंडना, सर दर्द, सर्दी जुकाम, नजला, पेट रोग, मधुमेह (शुगर), ब्लड प्रेशर समस्या, मासिक धर्म सम्बन्धी परेशानी,डेंगू का उपचार आदि
तुलसी के पत्तों को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को एक – चौथाई चम्मच की मात्रा में थोड़े से शहद के साथ सुबह – शाम सेवन करने से माइग्रेन में लाभ होता है
Dry basil leaves in the shade and make the powder. Taking one-fourth teaspoon of this powder with a little honey in the morning and evening is beneficial in migraine.
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किसी भी प्रकार के शारीरिक समस्या के परामर्श और निदान के लिए संपर्क करें, जैसे – सेक्स समस्या, बालों का झंडना, सर दर्द, सर्दी जुकाम, नजला, पेट रोग, मधुमेह (शुगर), ब्लड प्रेशर समस्या, मासिक धर्म सम्बन्धी परेशानी आदि
विधि :- सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर साँसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें। साँसों को बाहर छोड़ने या फेंकते समय पेट को अंदर की ओर धक्का देना है। ध्यान रखें कि श्वास लेना नहीं है क्योंकि उक्त क्रिया में श्वास स्वत: ही अंदर चली जाती है।
लाभ : – यह प्राणायाम आपके चेहरे की झुर्रियाँ और आँखों के नीचे का कालापन हटाकर चेहरे की चमक बढ़ाता है।
दाँतों और बालों के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं।
शरीर की चरबी कम होती है। कब्ज, गैस, एसिडिटी की समस्या में लाभदायक है।
शरीर और मन के सभी प्रकार के नकारात्मक तत्व और विचार मिट जाते हैं।
थायराइड को कम करता है।
पेट का मोटापा कम करता है।
कब्ज खत्म करने में मदद करता है। । पाचन तंत्र को बढ़ाता है।
1- खाना खाने के बाद एक कप लस्सी में एक चुटकी भुना ज़ीरा और काला नमक ड़ाल कर पीएं। दस्त में आराम आयेगा। 2- अदरक का रस नाभि के आस-पास लगाने से दस्त में आराम मिलता है। 3- मिश्री और अमरूद खाने से भी आराम मिलता है। 4- कच्चा पपीता उबाल कर खाने से दस्त में आराम मिलता है।
इन चारों चीज़ों को पीस कर चटनी बना लें। और सुबह, दोपहर और शाम को एक-एक चम्मच खा लें। पुरानी से पुरानी शुगर, यहाँ तक कि शुगर की वजह से जिस मरीज़ के जिस्म के किसी हिस्से को काटने की सलाह भी दी गयी हो तब भी ये चटनी बहुत फायदेमंद इलाज है।
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आपका शरीर खाना पचाने और पोषण को अवशोषित करने की बजाए अपनी उर्जा को शरीर का तापमान बैलेंस करने में लगा देता है। इससे वॉटर लॉस होता है। प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।
भोजन के तुंरत बाद ठंडा पानी पी लेने से शरीर में अधिक बलगम जम जाता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली का कार्य धीमा पड़ जाता है और आसानी से सर्दी और बीमारियां पकड़ने लगती हैं।
जिस प्रकार से मिठाई को फ्रिज में रखने से वह जम जाती है उसी तरह से ठंडा पानी मल को जमा देता है जो पाइल्स या बड़ी आंत से सम्बन्धित रोगों का सबसे बड़ा कारण है। इससे मल कठोर हो जाता है।
खाने के दौरान अगर आप ठंडा पानी या कोई अन्य पेय पीते हैं तो, वह खाने में मौजूद वसा को पेट के अंदर जमा देता है, जिससे शरीर को उसे पचाने में दोगुनी महनत करनी पड़ती है।
कई लोग बोलते हैं कि ठंडा पानी पीने से शरीर की कैलोरीज़ ज्यादा बर्न होती हैं।
कमरे के तापमान पर रखा पानी शरीर को तर रखता है। इससे खाना जल्दी पचता है, पेट अच्छी तरह से साफ हेाता है। यह खून को साफ करता है।
What are the disadvantages of the body by drinking cold water?
Instead of digesting food and absorbing nutrition, your body invests its energy in balancing the body temperature. This causes water loss. The immune system is weak.
Drinking cold water immediately after meals causes more mucus in the body, which slows down the immune system and easily catches cold and diseases.
In the same way, freezing the sweets in the refrigerator, freezes it in the same way that cold water freezes the feces, which is the biggest cause of diseases related to piles or large intestine. This makes the stool hard.
If you drink cold water or any other drink while eating, it stores the fat present in the food inside the stomach, due to which the body has to take double time to digest it.
Many people say that by drinking cold water the calories of the body burn more.
Water kept at room temperature keeps the body moist. It digests food quickly, cleans the stomach properly. It cleanses the blood.
Contact for consultation and diagnosis of any type of physical problem, such as – sex problem, hair loss, headache, cold, cold, stomach, stomach disease, diabetes (sugar), blood pressure problem, period problem etc.
किसी भी प्रकार के शारीरिक समस्या के परामर्श और निदान के लिए संपर्क करें, जैसे – सेक्स समस्या, बालों का झंडना, सर दर्द, सर्दी जुकाम, नजला, पेट रोग, मधुमेह (शुगर), ब्लड प्रेशर समस्या, मासिक धर्म सम्बन्धी परेशानी आदि
1) हैजा होने पर 25 एमएल लौकी के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। इससे मूत्र बहुत आता है।
2) खांसी, टीबी, सीने में जलन आदि में भी लौकी बहुत उपयोगी होती है।
3) हृदय रोग में, विशेषकर भोजन के पश्चात एक कप लौकी के रस में थोडी सी काली मिर्च और पुदीना डालकर पीने से हृदय रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
4) लौकी में श्रेष्ठ किस्म का पोटेशियम प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिसकी वजह से यह गुर्दे के रोगों में बहुत उपयोगी है और इससे पेशाब खुलकर आता है।
5) लौकी श्लेषमा रहित आहार है। इसमें खनिज लवण अच्छी मात्रा में मिलती है।
6) लौकी के बीज का तेल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है तथा हृदय को शक्ति देता है। यह रक्त की नाडि़यों को भी स्वस्थ बनाता है। लौकी का उपयोग आंतों की कमजोरी, कब्ज, पीलिया, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, शरीर में जलन या मानसिक उत्तेजना आदि में बहुत उपयोगी है।
1) कभी – कभी आप इस प्रकार की खुली जगह पे सोने को मजबूर होते है जब घर में लाईट नहीं आती है तो छत पे सोना होता है और गुड नाईट या आल आउट न लगा पाना आपकी मज़बूरी है। और ये मच्छर महाशय आपको सोने नहीं देते है। फिर आप रात भर तालियाँ बजाते रहते है और सो नहीं पाते है…. !
2) तो मित्रो एक साधारण सा उपाय है एक नीबू को बीच से आधा काट लो दोनों अलग – अलग टुकड़ों में 10-15 लौंग घुसा दीजिये, और साथ में रख लीजिये, मच्छर पास आने की हिम्मत भी नहीं करेंगे.
3) जब भी आप कहीं बाहर आउटिंग पर जायें, तो अपने साथ कुछ नीम्बू जरूर लेते जाइये, ये मच्छरों को दूर भागने का बहुत बढ़िया उपाय है
बादाम तेल से कब्ज दूर होती है और यह शरीर को ताकतवर बनाता है|
बादाम तेल के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। यानी यह दिल की सेहत के लिए भी अच्छा है।बादाम मस्तिष्क और स्नायु प्रणालियों के लिए पोषक तत्व है। यह बौद्धिक ऊर्जा बढ़ाने वाला, दीर्घायु बनाने वाला है।
मीठे बादाम तेल के सेवन से माँसपेशियों में दर्द जैसी तकलीफ से तत्काल आराम मिलता है।
बादाम तेल का प्रयोग रंगत में निखार लाता है और बेजान त्वचा को रौनक प्रदान करता है। त्वचा की खोई नमी लौटाने में भी बादाम तेल सर्वोत्तम माना गया है।
शुद्ध बादाम तेल तनाव को दूर करता है। दृष्टि पैनी करता है और स्नायु के दर्द में भी राहत दिलाता है।
विटामिन डी से भरपूर बादाम तेल बच्चों की हड्डियों के विकास में भी योगदान करता है।
बादाम तेल से रूसी दूर होती है और बालों की साज-सँभाल में भी यह कारगर है। इसमें मौजूद विटामिन तथा खनिज पदार्थ बालों को चमकदार और सेहतमंद बनाते हैं।
बादाम तेल का इस्तेमाल बाहर से किया जाए या फिर इसका सेवन किया जाए, यह हर लिहाज से उपचारी और उपयोगी साबित होता है।
हर रोज रात को 250 मिग्रा गुनगुने दूध में 5-10 मिली बादाम तेल मिलाकर सेवन करना लाभदायक होता है।
त्वचा को नरम, मुलायम बनाने के लिए भी आप इसे लगा सकते हैं।
1) गर्म पानी पिएं :- भोजन पचाने में परेशानी हो रही हो तो गर्म पानी पिएं । सुबह गर्म पानी पीने और भोजन से पहले कम से कम तीस मिनट पहले पानी पीने से पाचन तंत्र साफ रहता है। 2) खाना सही तरीके से खाए :- भोजन के बाद अपच की परेशानी से बचने के लिए खाना खाने का सही तरीका अपनाये। खाना खाने से पहले फल खाए उसके बाद जटिल भोजन करे इस तरह से आप ज्यादा खा पाएंगे और पाचन समस्याओं से बचे रहेगें। 3) हमेशा शांति से बैठ कर भोजन करे :- आप कैसे खाना खाते है इससे भी आप के पाचन पर असर पढ़ता है। इस लिए हमेशा सुकून और घर वालो के साथ बैठ कर भोजन करे। ना की टी वी देखते हुए। क्यों की सही तरीके से बैठ कर भोजन करने से हमारा पाचन हमेशा अच्छा रहता है। 4) खूब सारा पानी पिएं :- यह भी पाचन की परेशनी के लिए सबसे अच्छा उपाय है। रोज़ 8-10 गिलास पानी पिएं इसे कब्ज़ की परेशनी से राहत मिलती है और मल भी साफ हो जाता है। 5) नींबू पानी पिएं :- अगर आपको सुबह गर्म पानी पीना पसंद नहीं है, तो एक गिलास में नींबू का रस निचोड़ कर उसे पिएं। इस से आपके पेट में बन रहा एसिड कम हो जायेगा और आपका पेट भी साफ रहेगा।
किसी भी शारीरिक परेशानी के आयुर्वेदिक समाधान और परामर्श के लिए डॉ हेमंग राय से संपर्क करें.