जब तेरी रूह को मैं अपनी रूह में समा लूंगा

दिल में बसा कर क्या करूंगा तुमको ,

मैं तुम्हें खुद में संमा लूंगा ।

चलो कहीं , ठहरो कहीं , नदी बन कर ,

मैं सागर की तरह तुमको खुद में मिला लूंगा ।।

दुनियावी प्यार में क्या रख्खा है ,

मैं तुम्हें सूफियाना इश्क का मजा दूंगा ।

बेरोकटोक जिंदगी हो अपनी शर्तों पर ,

मैं तुम्हें हर बुरी नजर से बचा लूंगा ।।

बोल दे जितना जरूरी हो चुप रहकर ,

मैं आंखों ही आंखों में सब उगलवा लूंगा ।

जीत जाएगा तेरा और मेरा जीवन ,

जब तेरी रूह को मैं अपनी रूह में समा लूंगा ।।