दिल की हसरत जुबां पर आने लगी,

तुम्हें देखा और जिन्दगी मुस्कुराने लगी,

ये दोस्ती थी या मेरी दीवानगी,

की हर सूरत में तेरी सूरत नजर आने लगी|