तेरे आशियाने से जब, हमारा जनाजा गुजरेगा,

तेरी आखों से आसुओं का सिलसिला शुरू हो जायेगा,

चाहकर भी न रोक सकोगी आसुओं को तुम,

शायद उस दिन तुम्हें मेरी मोहब्बत का एहसास हो जायेगा|