​जन्म से ना तो कोई दोस्त पैदा होता है और ना ही दुश्मन,
वह तो हमारे घमंड, ताकत या व्यवहार से बनते है;
ज़िंदगी को अगर थोड़ा खुल कर व झुक कर जिया जाए
तो जिंदगी बड़ी हसीन व जीवंत बन जाती है।