मेरा भी अपना वजूद है, मैं इतनी बेजान तो नहीं !

आप फुर्सत में याद करते है मुझे, मैं इतनी बेकार तो नहीं !

हर बार अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाऊ !

मैं इतनी फिजूल तो नहीं , हमेशा आप से प्यार मांगती रहूं !

हम इतने लाचार तो नहीं, आप मुझे हमेशा रुलाते आए, हमारी आंखे इतनी मजबूत तो नहीं !।

 


 

आज सोचा – कुछ कम लिखूँ,
ना मैं – ना तुम ,आज हम लिखूँ.!

ना कोई ख़ुशी – ना ग़म लिखूँ
वो जो थोड़ा सा तेरे मन में – थोड़ा मेरे मन में है,
आज वो वाला हम लिखूँ..!!

ख़्वाहिशें बहुत है – दबी किसी कोने में,
सोचा – आज लिखूँ तो बस तुम्हें कुछ कहने का मन लिखूँ…!!


जीने की ख्वाइश में हर रोज़ मरते हैं,
वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं,
जूठा ही सही मेरे यार का वादा,
हम सच मानकर ऐतबार करते हैं।


Aapke har gum ko apne dil me utar lu.

zindgi apni aapki chahat me sawar du.

mohabbat ho gayi hai Aap se kuchh es tarah ki.

Hum apni sari umar bus aapke Intjar me gujar du ..


फिर आज कोई ग़ज़ल तेरे नाम न हो जाये,
कहीं लिखते लिखते शाम न हो जाये,
कर रहे हैं इंतज़ार तेरी मोहब्बत का,
इसी इंतज़ार में ज़िन्दगी तमाम न हो जाये।


उनकी आवाज़ सुनने को बेकरार रहते हैं,
शायद इसी को दुनिया में प्यार कहते हैं,
काटने से भी जो ना कटे वक्त,
उसी को मोहब्बत में इंतज़ार कहते हैं।


तड़प के देखो किसी की चाहत में,
तो पता चलेगा, कि इंतजार क्या होता है,
यूं ही मिल जाए, कोई बिना चाहे,
तो कैसे पता चलेगा, कि प्यार क्या होता है।


जीने की ख्वाइश में हर रोज़ मरते हैं,
वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं,
जूठा ही सही मेरे यार का वादा,
हम सच मानकर ऐतबार करते हैं।


Kisi Ne Kya Khoob kaha hai  अंदाज बदलने लगते है होठों पे शरारत होती है, नजरों से पत्ता चल जाता है,जिस दिन मोहब्बत होती है ।


Aap ruthhu ruthhu se lgte hai,

koi tarkib bataye manane ki,

Hum zindgi girvi rakh dege,

Aap kimat bataye muskurane ki